
📰 22 जुलाई की रात आई बड़ी खबर
सोमवार रात को देश की राजनीति में एक बड़ी हलचल हुई, जब उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
उनके इस्तीफे की खबर ने हर किसी को चौंका दिया क्योंकि न तो इसकी कोई पूर्व जानकारी थी और न ही कोई संकेत।
🔹 प्रधानमंत्री मोदी का भावुक पोस्ट
इस्तीफे के कुछ ही समय बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पोस्ट के माध्यम से जगदीप धनखड़ जी को शुभकामनाएं दीं।
“मैं श्री जगदीप धनखड़ जी के उत्तम स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। उन्होंने जिस गरिमा और संवैधानिक मर्यादा के साथ उपराष्ट्रपति का कार्यभार निभाया, वह प्रेरणादायक है।”
यह संदेश ना सिर्फ सम्मानजनक था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि इस्तीफा आपसी सम्मान और गरिमा के साथ दिया गया।
🔍 क्यों दिया इस्तीफा? अब तक रहस्य बना हुआ है
अब तक धनखड़ जी के इस्तीफे का कारण साफ नहीं है।
सरकारी सूत्र चुप हैं और खुद धनखड़ जी ने भी कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया है।
हालांकि सोशल मीडिया पर इस पर तरह-तरह की चर्चाएं ज़रूर चल रही हैं — कुछ लोग स्वास्थ्य कारण मान रहे हैं तो कुछ लोग इसे किसी नए राजनीतिक समीकरण से जोड़ रहे हैं।
🗓 कार्यकाल में दिखी दृढ़ता और संतुलन
2022 में उपराष्ट्रपति बनने के बाद, जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के सभापति के रूप में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की।
उनकी नेतृत्व शैली में संविधान की मर्यादा, सख्ती और विनम्रता का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला।
🧭 आगे क्या होगा?
अब सवाल है कि नया उपराष्ट्रपति कौन बनेगा?
कई नामों पर चर्चा शुरू हो चुकी है, और अगले कुछ दिनों में राजनीतिक गलियारों में हलचल और तेज़ हो सकती है।
📌 निष्कर्ष
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा एक अचानक आया फैसला जरूर है, लेकिन उन्होंने पद की गरिमा को अंत तक संभाले रखा।
देश उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।
अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार और राष्ट्रपति भवन की अगली घोषणा पर टिकी हैं।
📣 “धनखड़ जी को सलाम – एक गरिमामय कार्यकाल के लिए।”