“एक फोन कॉल… और बदल गई ज़िंदगी!–स्मृति ईरानी ने बिना पल गंवाए जवाब दिया।”


टीवी की तुलसी’]
वो दौर था 2014 का…
टीवी इंडस्ट्री में हलचल मची थी –
क्योंकि सास भी कभी बहू थी पार्ट 2’ की वापसी होने वाली थी।

और इसके लिए चुनी गई थीं वही…
स्मृति ईरानी, जिन्होंने तुलसी वीरानी बनकर हर घर में एक पहचान बनाई थी।

शूटिंग शुरू हो चुकी थी,
स्मृति कैमरे के सामने थीं…
और तभी आया एक फोन कॉल


वो कॉल जिसने सब बदल दिया]
वह फोन प्रधान मंत्री मोदी की तरफ से था।

बात सीधी और साफ़ थी –
आपको कैबिनेट में शपथ लेनी है।”

स्मृति के पास न वक्त था सोचने का,
न कोई मौका पीछे देखने का।


शूट छोड़कर निकली मंत्री बनने]
उन्होंने तुरंत डायरेक्टर से कहा –
मैं अब ये शो नहीं कर सकती।”

यही नहीं, उन्होंने शो के मेकर्स से माफ़ी भी मांगी
और कहा –
ये मेरे लिए सिर्फ एक करियर मूव नहीं है, ये मेरे देश की सेवा का अवसर है।”


 ‘तुलसीबनी भारत की नेता]
उसी दिन स्मृति ईरानी पहुंचीं राष्ट्रपति भवन,
और ली केंद्रीय मंत्री की शपथ।

तुलसी अब सिर्फ टीवी की बहू नहीं,
बल्कि देश की बेटी बनकर नई जिम्मेदारियां निभाने चली थीं।


सोचने वाला संदेश]
हर किसी के जीवन में एक ऐसा मोड़ आता है,
जहां कम्फर्ट छोड़कर कर्तव्य चुनना होता है।
स्मृति ईरानी की ये कहानी हमें सिखाती है –
कभी-कभी रोल बदलने से किरदार और बड़ा हो जाता है।”

कमेंट में बताएं –
क्या आप तुलसीको एक बार फिर पर्दे पर देखना चाहेंगे?


“देश सेवा बड़ी है या करियर की ऊंचाई?
आपका क्या मानना है?
नीचे कमेंट में जरूर लिखिए!”

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