
कहानी है एक 7वीं क्लास की छात्रा की –जो पढ़ना चाहती है, लेकिन फीस भरने के पैसे नहीं थे।”
मासूम आवाज़, बड़ी सोच]
उत्तर प्रदेश की एक 12 साल की बच्ची,
जो अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल में पढ़ती है,
लेकिन घर की हालत इतनी कमजोर कि
अगली क्लास में एडमिशन के पैसे तक नहीं थे।
पर उसने हार नहीं मानी…
उसने कहा – सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को।
उसने कहा“मैं पढ़ना चाहती हूं, लेकिन स्कूल फीस के पैसे नहीं हैं…”
जवाब आया उम्मीद का]
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए –
कि बच्ची की पढ़ाई रुके नहीं!
अब या उसकी फीस माफ़ हुई,
या CM राहत कोष से आर्थिक मदद दी गई।
सपना फिर से ज़िंदा हुआ]
अब वो बच्ची फिर से स्कूल जा रही है,
सपनों को फिर से उड़ान मिल चुकी है।
ये कहानी है हिम्मत की, भरोसे की और सिस्टम के संवेदनशील चेहरे की।
एक प्रेरणा, एक सवाल]
कभी-कभी बस एक आवाज़…
पूरी व्यवस्था को झकझोर सकती है।
क्या हम भी किसी जरूरतमंद बच्चे की पढ़ाई का सहारा बन सकते हैं?
👇 कमेंट में बताइए –
क्या आपने कभी किसी बच्चे की पढ़ाई में मदद की है?
और अगर नहीं की…
तो शायद अब वक्त आ गया है।