
मुख्य बातें
- पीएम मोदी ने हंसलपुर (गुजरात) से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को अप्रत्यक्ष संदेश दिया।
- भारत के पास लोकतंत्र, डेमोग्राफी और स्किल्ड वर्कफोर्स की बड़ी ताकत है।
- सुजुकी जापान भारत में गाड़ियां बना रही है और उन्हें वापस जापान भेज रही है — भरोसे की मिसाल।
- ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) और बैटरी निर्माण में भारत अब आत्मनिर्भरता की ओर।
- मोदी ने सभी राज्यों से कहा — निवेश की होड़ और सुधार की स्पर्धा को आगे बढ़ाएं।
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गुजरात के हंसलपुर में आयोजित कार्यक्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को बड़ा संदेश दिया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इशारों में जवाब देते हुए कहा कि भारत के पास Democracy की शक्ति, Demography का लाभ और Skilled Workforce का विशाल पूल है। यही वजह है कि भारत हर वैश्विक साझेदार के लिए एक Win-Win Situation साबित हो रहा है।
मोदी ने कहा कि सुजुकी जापान का भारत पर बढ़ता भरोसा इसका जीता-जागता उदाहरण है। आज भारत में बनी गाड़ियां वापस जापान निर्यात हो रही हैं। यह न केवल भारत-जापान की मजबूत दोस्ती का प्रतीक है, बल्कि यह भी बताता है कि वैश्विक कंपनियां भारत को लेकर कितना विश्वास रखती हैं।
Make in India से Make for the World तक
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में मेड-इन-इंडिया गाड़ियां और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सौ से अधिक देशों में निर्यात होंगी। ईवी सेक्टर का सबसे अहम हिस्सा बैटरी है और अब भारत में बैटरी उत्पादन शुरू हो चुका है। 2017 में नींव रखे गए TDSG बैटरी प्लांट से अब देश में पहली बार बड़े पैमाने पर सेल बनेंगे।
मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां पहले से ही भारत की सबसे बड़ी कार निर्यातक हैं। अब यही ताकत भारत को EV हब बनाने की दिशा में मदद करेगी। मोदी ने उदाहरण दिया कि मारुति सुजुकी ने एक हाइब्रिड एंबुलेंस प्रोटोटाइप भी तैयार किया है, जो आने वाले समय में हेल्थकेयर सेक्टर में क्रांति ला सकता है।
पीएम मोदी का राज्यों को संदेश
मोदी ने कहा, “आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। ऐसे समय में कोई भी राज्य पीछे नहीं रहना चाहिए। हर राज्य को निवेश आकर्षित करने के लिए सुधार की स्पर्धा करनी चाहिए। 2047 तक विकसित भारत बनाने की दौड़ में सबको आगे आना होगा।”
निष्कर्ष
यह कार्यक्रम केवल एक औद्योगिक लॉन्च नहीं था, बल्कि भारत की नई औद्योगिक दिशा और कूटनीतिक रणनीति का प्रतीक भी था। मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत की ताकत सिर्फ़ उत्पादन नहीं बल्कि भरोसे, साझेदारी और वैश्विक दोस्ती पर भी आधारित है।