
भूमिका: मेघालय की वादियों में घूमने गए एक नवविवाहित जोड़े की कहानी ने देश को झकझोर दिया। इंदौर के युवा व्यवसायी राजा रघुवंशी की निर्मम हत्या और उसकी पत्नी सोनम रघुवंशी की इसमें संलिप्तता ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि प्रेम और धोखे की यह सीमा कहां तक जा सकती है?
शादी, प्रेम और योजना का जाल: 11 मई 2025 को सोनम और राजा की शादी हुई। एक साधारण विवाह, एक नया जीवन, और एक सुंदर शुरुआत… पर इसके पीछे पहले से बुनी जा चुकी थी एक गहरी साजिश। 13 मई को ही सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा से चैट में लिखा – “मैं टॉर्चर से थक चुकी हूं… या तो मैं मर जाऊंगी या तुम उसे मार दो।”
सोनम ने शादी के बाद भी प्रेमी राज से लगातार संपर्क बनाए रखा। सिर्फ संपर्क नहीं, हत्या की साजिश भी। राजा पर किसी तरह का शक न हो, इसके लिए सोनम दो मोबाइल लेकर चल रही थी – एक ऑफिस के नाम पर, दूसरा पर्सनल।
हनीमून के नाम पर मौत का न्योता: सोनम ने राजा को शिलांग की खूबसूरत वादियों में घूमने का प्रस्ताव दिया – जो असल में राजा की जिंदगी का अंत था। जैसे ही दोनों शिलांग पहुँचे, सोनम के इशारे पर आरोपी पहले से वहां मौजूद थे। सोनम ने राजा को पिकनिक स्पॉट पर ले जाकर हमलावरों को लाइव लोकेशन भेजी।
फिर जो हुआ, वो मानवता को शर्मसार करने वाला था – राजा की हत्या कर दी गई। सोनम ने बाद में बयान दिया कि “मेरे जेवर लूटने की कोशिश हुई, मैं बेहोश हो गई… राजा की हत्या हो गई।” लेकिन पुलिस की जांच में यह बयान झूठा निकला।
साइबर सुराग और आधार से खुला राज: पुलिस ने सोनम और राज के बीच की कॉल रिकॉर्डिंग, चैट्स और मोबाइल टॉवर डेटा की जांच की। यह स्पष्ट हो गया कि यह हत्या अचानक नहीं बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी। होटल बुकिंग, मोबाइल लोकेशन, दो मोबाइल, फर्जी कहानियां… सबने इस केस को और गहराई से खोला।
परिवारों की टूटती उम्मीदें और समाज का रोष: राजा के भाई विपिन ने खुलासा किया कि सोनम ने ही राज को हत्या के लिए कहा था। वहीं सोनम के भाई गोविंद ने भी बहन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। गोविंद ने रोते हुए राजा की मां से माफी मांगी और कहा – “बहन को परिवार से बेदखल कर दिया है… उसे और उसके साथियों को फांसी दो।”
निष्कर्ष: आज यह हत्याकांड सिर्फ एक क्राइम स्टोरी नहीं, समाज के लिए चेतावनी है – रिश्तों में छिपी जहरीली नीयत का नकाब कभी भी उतर सकता है। प्रेम, क्रोध, और बदले की आग जब संयम की सीमाएं पार कर जाती है, तो एक पूरा परिवार उजड़ जाता है।
समाज को इससे क्या सीखना चाहिए?
- विवाह से पूर्व मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार का मूल्यांकन जरूरी है।
- युवाओं को रिश्तों में सहनशीलता और संवाद की शिक्षा दी जानी चाहिए।
- डिजिटल ट्रेसिंग और साइबर जांच को मज़बूती से अपनाया जाए।
- परिवारों को सतर्क रहना होगा – अत्यधिक गोपनीयता और अलगाव संकेत हो सकते हैं किसी बड़ी साजिश का।
एक सवाल… क्या एक लड़की जो ‘टॉर्चर’ के नाम पर हत्या करवा दे, उसे समाज माफ कर सकेगा? आप क्या सोचते है किस तरह की सजा के हकदार हैं ऐसे लोग!