⚡ नीतीश सरकार का चुनावी तोहफा: हर परिवार को 100 यूनिट मुफ्त बिजली!

📍 स्थान: बिहार
🗓 घोषणा: जुलाई 2025
📊 लाभार्थी: राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ता
🏛️ घोषणा करने वाले: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार


🔦 क्या है योजना?

बिहार सरकार विधानसभा चुनाव से पहले एक नई योजना लागू करने जा रही है, जिसके तहत हर परिवार को हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी।

👉 यह योजना सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए होगी, चाहे वो शहरी हों या ग्रामीण।
👉 इसका उद्देश्य है – आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत देना और महंगाई में कुछ सहारा देना।


📢 मुख्यमंत्री का बयान

❝ हमने संकल्प लिया है कि कोई भी गरीब परिवार बिजली के बिल के बोझ से परेशान न हो। हर घर को रोशन रखना हमारी प्राथमिकता है। ❞
– नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इससे न केवल जनता को राहत मिलेगी, बल्कि सरकार की डिजिटल और ऊर्जा योजनाओं को भी बल मिलेगा।


📈 क्यों आई ये योजना?

▪️ बढ़ती महंगाई से जनता परेशान है
▪️ चुनाव नजदीक हैं, और सरकार भरोसा दिलाना चाहती है कि वह जनता के साथ है
▪️ बिजली बिल में छूट से ग्रामीण और गरीब परिवारों को राहत मिलेगी


💰 कितना पड़ेगा सरकारी खर्च?

बिजली विभाग के अनुसार:
▪️ हर महीने सरकार को इस योजना पर ₹400 करोड़ का खर्च आएगा
▪️ सालाना अनुमानित खर्च: ₹4800 करोड़
▪️ लेकिन सरकार मानती है कि इससे गरीबों की जेब में सीधे फायदा पहुंचेगा


🧾 किन्हें मिलेगा लाभ?

✅ सभी घरेलू उपभोक्ता
✅ जिनके नाम पर बिजली का मीटर है
✅ जिनकी मासिक खपत 100 यूनिट या उससे कम है

व्यावसायिक/औद्योगिक उपभोक्ता इस योजना में शामिल नहीं होंगे


🧠 योजना के फायदे

✅ गरीबों को राहत
✅ महिलाओं पर बिजली खर्च का बोझ कम
✅ डिजिटल बिलिंग और स्मार्ट मीटर के इस्तेमाल को बढ़ावा
✅ स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक और कदम


🗳️ क्या है चुनावी असर?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि:
▪️ यह योजना चुनाव में गेमचेंजर साबित हो सकती है
▪️ खासकर ग्रामीण और पिछड़े वर्गों में इसका असर गहरा होगा
▪️ विपक्ष पर दबाव बढ़ सकता है कि वह भी जनता के लिए ठोस योजना लाए


निष्कर्ष

नीतीश कुमार की यह 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना सिर्फ एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि एक राजनीतिक दांव भी है।
जहां एक ओर इससे जनता को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव की हवा भी बदल सकती है।

🔌 “हर घर में उजाला, हर चेहरे पर मुस्कान” — बिहार की नई सोच!

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