
भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच रूस ने भारत को भरोसा दिलाया है कि अगर अमेरिकी बाजार भारत के लिए बंद होता है, तो रूस अपने बाजार का दरवाजा खोल देगा।
🔥 रूस का बयान
नई दिल्ली में रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा:
👉 “रूसी कच्चे तेल की खरीद पर भारत पर अमेरिका का दबाव अनुचित है। इसने नई दिल्ली के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। लेकिन हमें भरोसा है कि बाहरी दबावों के बावजूद भारत-रूस ऊर्जा सहयोग जारी रहेगा।”
📌 अमेरिका का टैरिफ वार
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कड़े टैरिफ लगाए हैं।
- भारतीय उत्पादों पर कुल 50% टैक्स और रूसी तेल खरीद पर 25% अतिरिक्त टैरिफ।
- व्हाइट हाउस का दावा है कि ये कदम रूस को यूक्रेन संघर्ष में आगे बढ़ने से रोकने के लिए उठाए गए हैं।
रूस का भारत से वादा
रोमन बाबुश्किन ने साफ कहा:
👉 “अगर भारतीय वस्तुओं को अमेरिकी बाजार में दिक्कत होती है, तो रूसी बाजार उनका स्वागत करेगा।”
उन्होंने अमेरिका पर दोहरे मानकों का आरोप लगाते हुए कहा —
👉 “प्रतिबंध गैरकानूनी प्रतिस्पर्धा का औजार हैं। यह विश्वास की कमी और दबाव की राजनीति है। दोस्त ऐसा व्यवहार नहीं करते।”
⚡ क्यों महत्वपूर्ण है यह खबर?
- भारत, रूस से कच्चा तेल खरीदने वाले शीर्ष दो देशों में शामिल है।
- अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए रूस पर निर्भर है।
- यह वादा भारत को कूटनीतिक और आर्थिक मजबूती देता है।
✅ निष्कर्ष
रूस का यह बयान भारत के लिए राहत की खबर है। अमेरिकी दबाव और टैरिफ वॉर के बीच भी रूस ने साफ कर दिया है कि वह भारत का साथ देगा। आने वाले समय में यह मुद्दा भारत-अमेरिका-रूस संबंधों की दिशा तय कर सकता है।