चीन-भारत की दोस्ती पर क्यों मची अमेरिका में चर्चा

दुनिया की राजनीति इस समय एक नए मोड़ पर खड़ी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अचानक और आक्रामक फैसलों ने हालात को ऐसा बना दिया है कि ग्लोबल पावर बैलेंस पर बड़ा असर दिखने लगा है।
ट्रंप की नीतियां और टैरिफ का खेल
अमेरिका ने हाल ही में चीन पर कई आर्थिक टैरिफ लगाए। इसके अलावा भारत के साथ भी रिश्तों में तल्खी देखने को मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की जल्दबाजी और बेलगाम फैसलों ने एशिया की दो बड़ी ताकतों – भारत और चीन – को नजदीक ला दिया है।
भारत-चीन की नजदीकी पर अमेरिकी चिंता
अमेरिकी मीडिया और थिंक टैंक लगातार इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर भारत और चीन रणनीतिक रूप से और करीब आते हैं, तो यह अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। खासकर एशिया में अमेरिका की पकड़ ढीली हो सकती है।
पावर बैलेंस में बड़ा बदलाव
पहले तक दुनिया की राजनीति में अमेरिका को सबसे ऊपर माना जाता था। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। रूस और चीन की साझेदारी, और अब भारत की सक्रिय भूमिका ने अमेरिका को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की “बेवकूफी” वाली नीतियां ही इस बदलाव का बड़ा कारण हैं।
आगे क्या?
- क्या भारत और चीन वाकई एक मजबूत साझेदारी बनाएंगे?
- क्या अमेरिका अपनी नीतियों में बदलाव करेगा?
- या फिर ट्रंप की रणनीति किसी बड़े भू-राजनीतिक संकट की शुरुआत है?
इन सवालों के जवाब आने वाले समय में दुनिया की राजनीति का भविष्य तय करेंगे।